Story of Lata Mangeshkar Struggle लता मंगेशकर जी के संघर्ष की कहानी

Story of Lata Mangeshkar Struggle : आज के इस लेख में मैं आप सभी को लता मंगेशकर जी के पुरी जीवन के बारे में बताऊंगा की कैसे लता मंगेशकर जी अपने जीवन में सफल हुई। लता मंगेशकर जी को बहुत सारे लोग बचपन में कहा करते थे की तुम अपने जीवन में कुछ नही कर पाओगी तुम्हारी आवाज एक दम पतली है तुम गाना गा नही पाओगी ऐसा उन्हें बोल दिया गया था।

लता मंगेशकर जी जब 13 वर्ष की थी तो उनके पिता कि डेथ हो गई, लता मंगेशकर जी को 33 वर्ष की उम्र में जहर देकर मारने की कोशिश की गई, तमाम मुसीबतों को पार करते हुए लता मंगेशकर जी ने भारत रत्न बनी ।

लता मंगेशकर जी ने इतनी सारी बाधाओ को पार करते हुए हार कभी नहीं मानी लता मंगेशकर जी अपने जीवन यात्रा में तकरीबन पचास हजार गाना गाये। दोस्तों में आज मै इस लेख में आप सभी को बताऊंगा कि आप अपने जीवन में आगे कैसे बढ़ सकते हैं, तो आज मै आप सभी को लता जी के जीवन के बारे में पूरी कहानी इस लेख में बताऊंगा । जिससे आप भी अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं इस कहानी को पढ़कर।

Story of Lata Mangeshkar struggle
Story of Lata Mangeshkar Struggle

कहां गया है कि आप सीखेंगे नहीं तो जीतेंगे कैसे

लता मंगेशकर जी के पिता दीनानाथ मंगेशकर जी वह एक Drama Company चलाते थे दीनानाथ मंगेशकर जी के घर बेटी का जन्म हुआ तो उनका नाम उन्होंने हेमा रखा था। दीनानाथ मंगेशकर जी जो ड्रामा कंपनी चलाते थे उसका नाम था भाव बंधन और उस नाटक में किरदार निभा रही थी लतिका, लतिका नाम दीनानाथ मंगेशकर जी को बहुत ही पसंद था और उन्होंने अपनी बेटी का नाम हेमा से बदलकर लता रख दिया।

दीनानाथ जी का Surname Hardikar था और उन्होंने Hardikar को बदलकर उसके जगह मंगेशकर कर लिया क्योंकि वह गोवा के मगेशी के रहने वाले थे । लता जी की जीवन यात्रा में संघर्ष रोमांस हैं जो आप सभी इसको पढ़कर आगे बढ़ सकते हैं आप अपने जीवन में भी सुधार ला सकते हैं, सीखने के लिए बहुत कुछ है।

लता मंगेशकर जी ने अपने जीवन में 50 हजार से भी ज्यादा गाना गाए वो महान थी। लता मंगेशकर जी महान ऐसे ही नहीं बन गए उन्हें बहुत ही मेहनत करना पड़ा अपने महान शिखर पाने के लिए पहली बात जो लता मंगेशकर के जीवन से सीखने को मिलती है वह है कि अगर आप कोई काम करते हैं या किसी भी चीज में आपको कोई रिजेक्ट कर दें अर्थात आप का कोई मजाक उड़ाए आपको उस पर ध्यान नहीं देना है यह नहीं सोचना है कि मेरे साथ यह क्या हो रहा है बल्कि आपको और ज्यादा मेहनत करना है अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए सोचते रहना है जो आप सोच रखे हैं उसके ऊपर आकर के आपको बाहर आना है।

महत्वपूर्ण बिन्दू

लता मंगेशकर जी के जीवन से सीखने वाली पहली बात

लता जी को अपने जीवन में यह भी सुनने को मिला है कि तुम्हारी आवाज बहुत ही पतली है तुम कभी गायक या गाइका बन ही नहीं सकती । दिलीप कुमार शारीरिक एक मूवी थी शहीद जिसमें यस मुखर्जी साहब ने लता जी के गानों को रिजेक्ट कर दिया था उन्होंने इस गाने को ध्यान से सुनाओ और कहा कि बहुत ही पतली आवाज है और उन्होंने लता मंगेशकर जी के गाने को रिजेक्ट कर दिया।

उसके बाद गुरु गुलाम हैदर साहब लता मंगेशकर जी को काम दिलवाने को लगातार कोशिश कर रहे थे उन्होंने लता मंगेशकर जी का गाना दिलीप सर को सुनावाया । दिलीप सर ने भी लता मंगेशकर जी को कहा कि तुम जो गा रही हो उसमें शब्दों का उच्चारण सही नहीं है ऐसा लगी नहीं रहा कि तुम हिंदी भाषा में गाना गा रही हो ऐसा लग रहा है कि इसमें दूसरी भाषा भी टच कर रहा है।

इतना सब सुनने के बावजूद लता मंगेशकर जी ने ऐसा नहीं सोचा कि मुझे रिजेक्ट कर दिया गया मुझे तो मौका ही नहीं देना बल्कि लता जी ने अपने शब्दों का उच्चारण और अच्छे तरीके से ठीक करने की कोशिश की क्योंकि आज वो अपनी आवाज की वजह से ही जानी जाती हैं।

क्योंकि गुरु गुलाम हैदर साहब ने कहा था कि देखना एक दिन तुम तुम्हारे गाने का हर फिल्ममेकर इस लड़की के कदमों में होगा रिक्वेस्ट कर रहा होगा प्लीज आप अपना गाना मेरी मूवी के लिए गा दीजिए। बाद में ठीक वैसा ही हुआ जिस मूवी में लता जी का गाना होता था वह मूवी बहुत ही सुपर हिट होता था।

यह जो पहला बात है कि आप सभी को यह सिखाता है कि लाइफ में आप सभी को रिजेक्शन मिले तो आप यह मत सोचना कि मेरा क्या होगा आप यह सोचने की मुझे क्या सुधारने की जरूरत है मुझे किस तरह मेहनत करने की ज्यादा जरूरत है।

किसी ने बहुत ही बड़े कमाल की बात कहां है किं- जो जहाज तूफान को पार करते हैं, लोग उन्हें ही याद रखते हैं।

लता मंगेशकर जी के जीवन से सीखने वाली दूसरी बात

लता मंगेशकर जी के जीवन से सीखने वाली दूसरी बात यह है कि आप अपने जीवन में किसी भी मुश्किल हालत में रहिए लेकीन आप वो करके और जीत कर दिखाइए जो आप चाहतें हैं।

लता मंगेशकर जी कैसे सिंगर बनी

लता मंगेशकर जी के जो पिता थे दीनानाथ मंगेशकर साहब बच्चों को संगीत सिखाते थे एक दिन क्या हुआ की उनके पिता जी घर पर नहीं थे लता मंगेशकर जी ने बच्चों के साथ मिलकर उनके गायक में सुधार करा रही थी की यह राग ऐसे नहीं ऐसे होता है।

जब वे बच्चों को सिखा रही थी गायक में सुधार कराने उसी टाइम उनके पिता जी पीछे आकर खड़े हो गए । उनकी मम्मी थी उनको यह कहने लगे कि मैं बाहर के बच्चे को संगीत सिखाता हूं और मेरे घर में मेरी बेटी संगीत में कितना रुचि रखती है हमारे घर में ही गवैया हैं।

लता मंगेशकर जी के पिता जी ने लता जी को भी संगीत का शिक्षा देना शुरू कर दिया शास्त्रीय संगीत के बहुत बड़े प्रशंसक थे दीनानाथ मंगेशकर जी लेकिन वे नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी फिल्मों में गाना गाए । जब 13 साल की थी लता मंगेशकर जी तभी उनकी पिताजी इस दुनिया को छोड़ कर चले गए और परिवार की जो आर्थिक स्थिति थी बहुत ही खराब होने लगी ।

लता मंगेशकर जी को मजबूरी में फिल्मों में गाना गाना सुरु करना पड़ा जो उनका छोटे-छोटे किरदार थे वो उनको करना पड़ा। लता मंगेशकर जी कहती है कि मैं अपने जीवन में शादी नहीं कर पाई क्योंकि मेरे ऊपर मेरे कंधों पर परिवार का बोझ था परिवार की जिम्मेदारियां थी मैं चाह कर भी शादी नहीं कर पाई ।

लता मंगेशकर जी को शादी न करने का सबसे बड़ा रीजन यह था कि उनके ऊपर परिवार का बहुत ही बड़ा बोझ था क्योंकि वह घर की सबसे बड़ी बेटी थी और उन्होंने परिवार को बखूबी निभाया और दुनिया को बताया कि कैसे मुश्किलों का सामना करके आगे बढ़ा जाता है।

लता मंगेशकर जी के जीवन से सीखने वाली तीसरी बात

सीखने वाली तीसरी बात लता मंगेशकर जी के जीवन यात्रा से यह है कि जीवन में सीखने की जिद हमेशा जिंदा रखिए लता मंगेशकर जी जब 33 साल की थी, वह साल था 1963 तब किसी ने लता मंगेशकर जी को जहर देकर मारने की कोशिश की थी।

लता मंगेशकर जी ने इस किस्से पर डिटेल में बात करते हुए कहती है कि हम मंगेशकर वो दौर याद नहीं करना चाहती क्योंकि वह भयानक दौर था कहती है कि मुझे धीमा जहर दिया गया था मैं मुश्किल से बिस्तर से उठ पाती थी 3 महीने तक मेरा हाल बहुत ही खराब था।

डॉक्टर ने बताया कि आप को धीमा जहर देकर मारने की कोशिश की गई है। लता मंगेशकर जी कहती हैं कि जो डॉक्टर ने मेरा ट्रीटमेंट किया और मुझे वो जीने की जिद थी कि मुझे जीना है मुझे मरना नहीं है शायद उसी के वजह से लता मंगेशकर जी रिकवर हो पाई। लता जी कहती है कि 3 महीने तक बिस्तर में रहने के बाद भी मैं फिर से गाना रिकॉर्ड करने लायक हो गई ठीक होने के बाद लता मंगेशकर जी ने जो पहला गाना गाया वह था । “कहीं दीप जले कहीं दिल”

जिसे हेमंत साहब ने कंपोज किया था और हेमंत साहब ने मेरे घर आए थे मेरी मां से परमिशन लेने के लिए कि मैं इसे लेकर जाना चाहता हूं गाना रिकॉर्ड करवाने के लिए कहीं मुझे लगा कि यह स्ट्रेस है उदास है तो मैं इसे वापस घर पर छोड़ कर चला जाऊंगा उनकी मम्मी से बोले की आप बिलकुल चिंता मत कीजिए।

लता मंगेशकर जी कहती हैं जब मैं इस दुनिया में गई और वहां पर मैंने गाना गाया तो मुझे विश्वास हो गया कि और मैंने सोचा कि मेरी आवाज आज भी वही है मैं खूबसूरत गाने गा सकती हूं। कमाल की बात यह है कि उसी गाने के लिए अर्थात “कहीं दीप जले कहीं दिल” लता मंगेशकर जी “कहीं दीप जले कहीं दिल” वापस इस गाने को गाती है तो उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड से पुरस्कृत किया गया था।

लता मंगेशकर जी के जीवन में इतना बड़ा सदमा लगने के बाद भी हार नहीं मानी अपनी जिद पर अड़ी रही और उन्होंने जब वापसी की तो बहुत ही शानदार वापसी की लता मंगेशकर जी यही सिखाती है कि अपने लाइफ में फाइटर बनिए।

लता मंगेशकर जी के जीवन से सीखने वाली चौथी बात

सीखने वाली चौथी बात यह है कि जिंदगी में दरिया दिली कम मत होने देना आप अपने जीवन में कुछ बनिए यही सिखाती है लता मंगेशकर जी। लता मंगेशकर जी अपने जीवन में लगभग 50,000 गाना गाइ 36 अलग-अलग भाषाओं में, छत्तीसगढ़ी में उन्होंने एक मात्र गाना गाया।

लता मंगेशकर जी ने छत्तीसगढ़ में पहला गाना गाया जिसके लिए उनको ₹200000 फीस दी जा रही थी, लता मंगेशकर जी ने ₹200000 में से डेढ़ लाख रुपए मेरे लिए और ₹50000 गीतकार को लौटाते हुए कहां की आप ₹50000 लेकर जाइए और इसका मिठाई बांट देना क्योंकि मैंने पहली बार छत्तीसगढ़ में गाना गाया है।

1983 का विश्व कप जब भारत ने जीता था क्रिकेट को देखने में लता मंगेशकर जी को बहुत ही अच्छा लगता था वो बहुत ही क्रिकेटर से प्रेम करती थी 1983 में जब टीम इंडिया वर्ल्ड कप जीता था तो बोर्ड के पास खिलाड़ियों को देने के लिए पैसे नहीं थे बोर्ड के अध्यक्ष चाहते थे कि वैसे ही नाम दिया जाए लेकिन पैसा तो है ही नहीं, लता मंगेशकर जी ने दिल्ली में कॉन्स्सट किया था जिसके लिए उन्होने कोई फीस नहीं लिया ।

उस कॉन्स्सट से जो पैसे मिले लगभग 20 साल लाख रुपए उस जमाने में लता मंगेशकर जी को मिले तो उसके बाद हर एक खिलाड़ी को ₹100000 बोर्ड की तरफ से दिया गया। लता मंगेशकर जी अपने जीवन में चाहती थी कि मैं जितना कमा रही हूं उसका कुछ हिस्सा लोगों की मदद में जाना चाहिए जब यह कोरोना काल आया तो उन्होने अपने तरफ से रिलीफ फंड में मदद की है।

लता मंगेशकर जी अपने खुद के गाने सुनना पसंद नहीं करती थी एक बार जब उसने गाना गा दिया तो मैं अपना गाना दोबारा नहीं सुनती थी क्योंकि और वह दोबारा गाना सुनती तो उनको अपनी ही गलतियां पकड़ में आती उदास हो जाती थी क्योंकी कंपोजर सुनेगा producer सुनेगा तो मेरी गलतियां पकड़ेंगे इससे वो बहुत दिनों तक उदास रहती थी इसी की वजह से लता मंगेशकर जी अपने गाने सुनना पसंद नहीं करती थी।

लता मंगेशकर जी से सीखने वाली बात है कि आप हमेशा अपने जीवन में Learner बनिए आप Learner नहीं बनेंगे तो आप अपने जीवन में सीखेंगे कैसे।

प्रीति जिंटा की मूवी में लता मंगेशकर जी ने एक गाना गाया था पहले उन्होंने पूछा कि इस मूवी में कौन एक्ट्रेस है एक्ट्रेस की आवाज में सिंगिंग करें क्योंकि वे प्लेबैक थी और उसके हिसाब से वे गाना गाना चाहती थी।

ग़दर, द हीरो मूवी में जिन्होंने कंपोज किया है उत्तम सिंह साहब वे कहते हैं कि मनोज कुमार की फिल्म पेंटर बाबू में लता मंगेशकर जी के गाने में मैंने वॉल्यूम बजाया था एक एल्बम बना था ओम साईं राम जिसमें लता जी के 12 गाने थे वे कभी थकती नहीं थी पहले 7 से 8 बार पहले रिहर्सल करते थे उसके बाद में गाना रिकॉर्ड करती थी। कभी भी पूछती ही नहीं थी कि दोबारा से टेक हम क्यों ले रहे है, यश चोपड़ा जी को लता मंगेशकर जी अपना छोटा भाई मानती थी।

एक मूवी थी “दिल तो पागल है” उसने जो गाने रिकॉर्ड हो रहे थे तो उत्तम जी कहते हैं कि हम इनको टुकड़ों में रिकॉर्ड कर ले रहे हैं एक-एक अंतरा ऐसे-ऐसे करके रिकॉर्ड कर लेते हैं लता मंगेशकर जी कहती थीं की पूरा गाना एक ही साथ क्यों नहीं है, लता मंगेशकर जी कभी थकती नहीं थी ।

गाना गाते समय लता मंगेशकर जी हमेशा अपने जीवन में सीखना चाहती थीं कुछ ना कुछ अपने अंदर सुधार लाना चाहती थी इतनी महान सिंगर होने के बाद भी लता मंगेशकर जी अपने जीवन में सीखना नहीं छोड़ा यही बात लता मंगेशकर जी को महान बना दिया।

लता मंगेशकर जी से पूछा गया की आप अपने अगले जन्म में लता बनना पसंद करेंगी, तो लता जी ने कहा लता बनना पसंद नहीं करूंगी । जो इंटरव्यू ले रहे थे उन्होंने पूछा ऐसा क्यों? लता मंगेशकर जी ने जवाब दिया मंगेशकर की परेशानियां सिर्फ लता ही जानती है, आप सभी को मालूम है कि लता मंगेशकर जी अपने जीवन में कितना संघर्ष किया, कितनी परेशानियां जी, यह लता जी ही जानती थी।

क्रिकेट की बहुत ही बड़ी फैन थी सुनील गावस्कर साहब, सचिन तेंदुलकर, एम एस धोनी ये सभी लता मंगेशकर जी के फेवरेट क्रिकेटर थे । एम एस धोनी के जब रिटायरमेंट की बात चल रही थी तो लता मंगेशकर जी ने ट्वीट किया एम एस धोनी को लता मंगेशकर जी ने कहा जी नमस्कार एमएस धोनी जी आजकल मैं सुन रही हूं कि आप रिटायरमेंट लेना चाहते हैं, ऐसा मत कीजिए देश को आपकी खेल की जरूरत है और मैं भी रिक्वेस्ट कर रही हूं कि आप अपने मन में रिटायरमेंट का विचार न लाएं।

इतनी सहज सरल विनम्र थी लता मंगेशकर जी जिन्होंने हर एक्ट्रेस के लिए गाना गाए लता मंगेशकर जी का सिंगिंग करियर 80 साल से भी ज्यादा चाला और मैं इस लेख में आप सभी को यह बताना चाहता हूं कि आप सभी को कोई भी इमोशन आपको एक्सप्रेस करना हो तो लता मंगेशकर जी के गाने सुने उनसे बेहतर कोई और गाने है ही नहीं आप सभी को यह मेरा लेख Story of Lata Mangeshkar Struggle अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे आप का कोई सुझाव हो तो हमें कमेन्ट कर के बता सकतें है । धन्यवाद ।

edigitalhindi
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